मौसम विभाग की भविष्यवाणियों से आपका विश्वास उठ चुका है। वे मजाक ज्यादा होती हैं, भविष्यवाणियां कम। अब एक नई तकनीक आपको मौसम के बारे में बेहतर जानकारी दे सकती है। उसे आजमाकर देखिए।
बालसुब्रमण्यम जी यह यंत्र तो बहुत काम का है, मै आज ही इसे अपने बगीचे मै लगता हुं, अगर बरसात मै गीला हुआ तो पक्का बरसात,अगर धुप मे सुखा हुआ तो धुप.....क्या बात है लेकिन यह तो नही बताया इसे बांधना किस धागे से है रेशम के या फ़िर सूतली से ?? जल्दी बताओ....... धन्यवाद मुझे शिकायत है पराया देश छोटी छोटी बातें नन्हे मुन्हे
12 comments:
वाह बहुत खूब
सुन्दर व्यंग
प्रारंभ में तो तस्वीर दिख ही नहीं रही थी. हमने सोचा यह भी एक व्यंग है. टिप्पणी कर दी और बाद में तस्वीर दिखने लगी. वाह यह तो जोरदार ही है. आभार.
ha ha ha :-)
बालसुब्रमण्यम जी यह यंत्र तो बहुत काम का है, मै आज ही इसे अपने बगीचे मै लगता हुं, अगर बरसात मै गीला हुआ तो पक्का बरसात,अगर धुप मे सुखा हुआ तो धुप.....क्या बात है लेकिन यह तो नही बताया इसे बांधना किस धागे से है रेशम के या फ़िर सूतली से ?? जल्दी बताओ.......
धन्यवाद
मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे
वाह !!!
यह जानकारी मौसम विभाग वालों के काम की है:))
yah patthar तो वाकई कमाल की वस्तु है!
jiska bhi yah concept है --us ke liye--- zordaar taaleeyan!
aap ka abhaar jo itni'anmol' jaankari di.
यह तो सटीक है. कमाल की खोज! :)
पत्थर के अविष्कारकर्ता को नोबेल के लिए हमारी संस्तुति
कभी हमने भी लिखा था
http://mahashakti.bharatuday.in/2006/11/blog-post_26.html
wahh yaar kya sayhri taipe ki likhi kavita hai
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