Friday, June 5, 2009
प्रदूषण संकेतक जो शहद भी बनाते हैं
अमरीका के मोन्टाना विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक मधुमक्खियों को प्रदूषण संकेतकों के रूप में उपयोग करने की संभावनाओं का अध्ययन कर रहे हैं। यद्यपि मधुमक्खी पराग और मकरंद इकट्ठा करने के लिए ही अधिक जानी जाती हैं, लेकिन इनकी उड़ानों में इनके शरीर पर अनेक प्रकार के रासायनिक पदार्थ भी जम जाते हैं, जिनमें शामिल हैं फ्लोराइड के यौगिक, सीसा, तांबा, केडमियम और आरसेनिक (संखिया) जैसे भारी धातु तथा रेडियोधर्मी पदार्थ।
फूलों की खोज में मधुमक्खी दूर-दूर तक भ्रमण करती है। अतः वह एक बहुत बड़े क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति की खबर दे सकती है। जो तरीका वैज्ञानिकों ने विकसित किया है, उसमें मधुमक्खियों के शरीर के ऊतकों को ऐसे रासायनिक परीक्षणों से जांचा जाता है जो प्रदूषक तत्वों के बहुत ही क्षीण उपस्थिति का भी संकेत कर सकते हैं।
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पर्यावरणीय समस्याएं,
प्रदूषण
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4 comments:
बहुत ही उपयोगी जानकारी।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
अच्छी जानकारी दी।आभार।
अच्छी सूचना है।
कहीं इसमें CIA तो involve नहीं?
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