Thursday, August 6, 2009

दुनिया का सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य

म्यानमार में अभी हाल में दुनिया का सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य स्थापित किया गया है, जिसका कुल क्षेत्रफल 21,750 वर्ग किलोमीटर है। यह अभयारण्य एक दुर्गम वन्य स्थली में स्थित है जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के समय मौत की घाटी के नाम से जाना जाता था। वहां लगभग 100 बाघों का निवास है, लेकिन बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा से आनेवाले वर्षों में यह संख्या दस गुना बढ़ने की संभावना है। अभयारण्य का नाम हुकवांग अभयारण्य रखा गया है।

विश्व के सभी भागों से बाघ तेजी से विलुप्त हो रहे हैं। इसका मुख्य वजह है चीन, कोरिया, जापान आदि पूर्वी एशिया के देशों में उसकी हड्डियों, खून, नाखून, व अन्य अंगों का औषधि के रूप में उपयोग, जो बाघों के बड़े पैमाने पर शिकार का कारण बना है।

अनुमानतः अब विश्व में वन्य अवस्था में केवल 5,000 बाघ ही बचे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में वन्य अवस्था में लगभग 1,500 बाघ हैं। भारत में बाघ के संरक्षण के लिए लगभग 35 बाघ रिजर्व और 500 से अधिक अभयारण्य स्थापित किए गए हैं। भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही बाघ परियोजना, जिसके अंतर्गत बाघ की नस्ल को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, अब तीन दशक पूरी कर चुकी है। अभी हाल में सरकार ने बाघ परियोजना को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए उसे पुनर्गठित करके बाघ संरक्षण अधिकरण का रूप दिया है।

2 comments:

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

बाघ का सबसे बड़ा शत्रु भ्रष्टाचार है। वैसे आदमी का भी शत्रु यही है।

डॉ महेश सिन्हा said...

प्रकृति का सबसे बड़ा दुश्मन इन्सान ही है

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