Friday, May 29, 2009

फोटो फीचर : प्रेम में पागल हाथी


अब इन हाथी महाशय पर हंसा जाए, या तरस खाया जाए, यह आप ही बताएं!

10 comments:

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif said...

अब इस पर हम क्या बोलें? बोलने लायक कुछ भी नही है

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif said...

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Astrologer Sidharth said...

तरस ही खाया जा सकता है। र्इश्‍वर ने जिन प्राणियों को मुक्‍त बनाया इंसान उन्‍हें भी सभ्‍य समाज में लाकर जबरदस्‍ती अपने उपयोग में लेता है और उनकी निजता भी भंग करता है।

समय चक्र said...

हाथियो का मुक्त व्यवहार ये तो सरेआम .......आगे क्या कहाँ ?

समय चक्र said...

मै प्रेमी आशिक आवारा .......... चित्र यही कह रहा है

Anonymous said...

इनकी प्राईवेसी भंग़ करने वालों पर तरस और देखकर हंसने वालों पर हंसी।
यही ठीक रहेगा :-)

समय चक्र said...

रोचक
आपकी चिठ्ठी चर्चा समयचक्र में

Anonymous said...

इस पर किसी का जोर नहीं चलता। आखिर जानवर है इंसान तो नहीं।

u,s,awasthy said...

बोलने लायक कुछ भी नही है

Anonymous said...

सहमत.....!!!!

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