tag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post126009616865447812..comments2023-10-17T05:35:22.462-07:00Comments on कुदरतनामा: फोटो फीचर : प्रेम में पागल हाथीबालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttp://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-49774745376749138022013-07-19T05:12:45.493-07:002013-07-19T05:12:45.493-07:00सहमत.....!!!!सहमत.....!!!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-1894658403019554862011-06-29T00:48:55.584-07:002011-06-29T00:48:55.584-07:00बोलने लायक कुछ भी नही हैबोलने लायक कुछ भी नही हैu,s,awasthynoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-5558580685024144452010-09-29T14:57:54.190-07:002010-09-29T14:57:54.190-07:00इस पर किसी का जोर नहीं चलता। आखिर जानवर है इंसान त...इस पर किसी का जोर नहीं चलता। आखिर जानवर है इंसान तो नहीं।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-72433541346077092412009-05-31T09:32:58.511-07:002009-05-31T09:32:58.511-07:00रोचक
आपकी चिठ्ठी चर्चा समयचक्र मेंरोचक<br />आपकी चिठ्ठी चर्चा समयचक्र मेंसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-30983193344624395272009-05-30T11:06:59.606-07:002009-05-30T11:06:59.606-07:00इनकी प्राईवेसी भंग़ करने वालों पर तरस और देखकर हंस...इनकी प्राईवेसी भंग़ करने वालों पर तरस और देखकर हंसने वालों पर हंसी।<br />यही ठीक रहेगा :-)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-28932773244806838132009-05-30T07:23:37.803-07:002009-05-30T07:23:37.803-07:00मै प्रेमी आशिक आवारा .......... चित्र यही कह रहा ह...मै प्रेमी आशिक आवारा .......... चित्र यही कह रहा हैसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-82046484572216857972009-05-30T07:22:19.695-07:002009-05-30T07:22:19.695-07:00हाथियो का मुक्त व्यवहार ये तो सरेआम .......आगे क्य...हाथियो का मुक्त व्यवहार ये तो सरेआम .......आगे क्या कहाँ ?समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-24783799931702057632009-05-29T22:11:10.298-07:002009-05-29T22:11:10.298-07:00तरस ही खाया जा सकता है। र्इश्वर ने जिन प्राणियों ...तरस ही खाया जा सकता है। र्इश्वर ने जिन प्राणियों को मुक्त बनाया इंसान उन्हें भी सभ्य समाज में लाकर जबरदस्ती अपने उपयोग में लेता है और उनकी निजता भी भंग करता है।Astrologer Sidharthhttps://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-9745603504954864862009-05-29T21:13:26.205-07:002009-05-29T21:13:26.205-07:00अपने ब्लोग और ब्लोग की फ़ीड पर इश्तिहार दिखाने और क...अपने ब्लोग और ब्लोग की फ़ीड पर इश्तिहार दिखाने और कुछ पैसा कमाने के लिये यहा चट्का लगाये....<br /><br />http://www.bidvertiser.com/bdv/bidvertiser/bdv_ref.dbm?Affiliate_ID=25&Ref_Option=pub&Ref_PID=236711काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttps://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-18935891766757520972009-05-29T21:13:06.701-07:002009-05-29T21:13:06.701-07:00अब इस पर हम क्या बोलें? बोलने लायक कुछ भी नही हैअब इस पर हम क्या बोलें? बोलने लायक कुछ भी नही हैकाशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttps://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.com