tag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post3848433190059469725..comments2023-10-17T05:35:22.462-07:00Comments on कुदरतनामा: गाय की बहन नीलगायबालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttp://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-81812359271254811272016-02-25T20:44:27.191-08:002016-02-25T20:44:27.191-08:00नील गाय की जय !नील गाय की जय !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-35160637430249740202014-10-08T01:39:36.963-07:002014-10-08T01:39:36.963-07:00बहुत अच्छी जानकारी.... आभार !!!बहुत अच्छी जानकारी.... आभार !!!vvinayakhttps://www.blogger.com/profile/07930723090387638615noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-84261925853266424592009-05-25T22:21:51.066-07:002009-05-25T22:21:51.066-07:00गिरिजेश: एक जगह पर मल त्यागने की आदत अनेक जानवारों...गिरिजेश: एक जगह पर मल त्यागने की आदत अनेक जानवारों में पाई जाती है, जैसे गैंडे में। इसकी कोई-न-कोई उपयोगिता जरूर होगी। वन्य जीवों की आदतों के बारे में जानकारी रखनेवाले पाठक इस पर प्रकाश डालें। मुझे ऐसा लगता है कि इससे वे अपने प्रभाव क्षेत्र की सीमा को निर्धारित करते होंगे, जैसे कुत्ते अपने मूत्र से अपने प्रभाव क्षेत्र की सीमा को अंकित करते हैं।बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttps://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-55192074163343687402009-05-25T22:19:17.376-07:002009-05-25T22:19:17.376-07:00गिरिजेश: जानवरों को बधिया इसलिए किया जाता है ताकि ...गिरिजेश: जानवरों को बधिया इसलिए किया जाता है ताकि उनके स्वभाव को शांत किया जाए। यदि नीलगाय को भी बड़े पैमाने पर गाड़ी खींचने या खेत जोतने के लिए उपयोग किया जाने लगे, तो उसे भी बधिया करने की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन इसकी संभावना कम है क्योंकि अभि वह बैलों का मुकाबला नहीं कर सकता है। हमने हजारों सालों के प्रयत्न से बैल जैसे खेती-योग्य जानवर तैयार किया है। जंगली नीलगाय में वे सब गुण लाने के न जाने कितनी सदियां लगेंगी।<br /><br />यह जानकारी मैंने वाइल्ड एनिमल्स ओफ सेंट्रल इंडिया, ए ए डनबर ब्रैंडर, तथा इस तरह की अन्य पुस्तकों से ली है।<br /><br />रोचक बात यह है कि अफ्रीका में जेबरे को भी पालतू बनाया गया है और उससे कुछ बागानों में हल्के-फुल्के काम कराए गए हैं। पर वहां भी उसे घोड़ों से निकृष्ट ही पाया गया है। घोड़े को भी हजारों सालों में हमने तैयार किया है, और अश्व जाति के अन्य प्राणी उसका मुकाबला नहीं कर सकते।बालसुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणhttps://www.blogger.com/profile/09013592588359905805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-40038266079317655532009-05-25T19:23:46.128-07:002009-05-25T19:23:46.128-07:00" नीलगाय भारत में पाई जानेवाली मृग जातियों में सबस..." नीलगाय भारत में पाई जानेवाली मृग जातियों में सबसे बड़ी है। मृग उन जंतुओं को कहा जाता है जिनमें स्थायी सींग होते हैं, यानी हिरणों के शृंगाभों के समान उनके सींग हर साल गिरकर नए सिरे से नहीं उगते। " - जानकारी के लिए धन्यवाद.<br /><br />"सभी नर एक ही स्थान पर आकर मल त्याग करते हैं, लेकिन मादाएं ऐसा नहीं करतीं।" - प्राइवेसी का ध्यान तो रखना ही पड़ता है ! :)<br /><br />"उसे पालतू बनाया जा सकता है और नर नीलगाय से बैल के समान हल्की गाड़ी खिंचवाई जा सकती है।" - यह तो ग़जब का इंफॉर्मेसन है. कोई प्रमाण है क्या? बैलों की तरह उसे बधिया तो नहीं करना पड़ेगा ?गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-21303669793656205272009-05-25T11:11:33.442-07:002009-05-25T11:11:33.442-07:00sirf yah bhee bataate ki usakaa gomaata se kitanaa...sirf yah bhee bataate ki usakaa gomaata se kitanaa sambandh hai . kitanaa prajaati antar hai ?RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-79824625416761216902009-05-24T19:55:49.566-07:002009-05-24T19:55:49.566-07:00बहुत विस्तार सेआपने एशिया के सबसे बड़े मृग की जानक...बहुत विस्तार सेआपने एशिया के सबसे बड़े मृग की जानकारी दी ! शुक्रिया !!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6493699004068749485.post-32449939870772087762009-05-24T12:26:47.273-07:002009-05-24T12:26:47.273-07:00रोचक और ज्ञानवर्धक्। नीलगाय हमारे छत्तीसगढ मे भी म...रोचक और ज्ञानवर्धक्। नीलगाय हमारे छत्तीसगढ मे भी मिलती है।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.com