Saturday, May 30, 2009

रसोई के रहस्य

क्या आप जानते हैं कि भारत में उपयोग की जानेवाली कुल ऊर्जा का 50 प्रतिशत खाना पकाने में खर्च होता है? इसलिए रसोईघर में ऊर्जा की बचत करके आप ऊर्जा निर्यात करने में देश को आने वाले अरबों रुपयों का खर्च बचा सकते हैं और स्वयं भी लाभान्वित हो सकते हैं। नीचे दिए गए नुस्के रसोई ईंधन को अधिक कारगर ढंग से उपयोग करने में आपकी मदद करेंगे।

  • खाना पकाते समय बर्तन को ढककर रखें। इससे गरमी बर्तन के अंदर अधिक समाएगी और खाना जल्दी पकेगा।
  • पूरी आंच पर निरंतर खाना न पकाएं। जब तरल उबलने लगे तो आंच धीमी कर दें। यह आदत 40 प्रतिशत ईंधन बचा सकती है।
  • जब भी हो सके, गैस चूल्हे के छोटे बर्नर का ही उपयोग करें।
  • प्रेशर कुकर 75 प्रतिशत ईंधन और समय बचा सकता है।
  • खाना अल्युमिनियम के बर्तनों में स्टील के बर्तनों से अधिक जल्दी पकता है।
  • ईंधन का पूरा-पूरा उपयोग करने के लिए बर्तन का निचला भाग आंच के फैलाव जितना विस्तारवाला होना चाहिए।
  • पकाने की गतिविधि पूरी होने के कुछ मिनट पहले ही आंच बंद कर दें और बर्तन को ढक दें।
  • खाना पकाना आरंभ करने से पहले सभी आवश्यक वस्तुओं को सही मात्रा में निकालकर रख लें। इसके बाद ही चूल्हा जलाएं।
  • परिवार के सभी जन एक-साथ खाने की आदत डालें तो खाने को बार-बार गरम करने से बचा जा सकता है।
  • गैस चूल्हे के बर्नर के छिद्रों को साफ रखें। केरासिन स्टोव की बत्ती के जले अंशों को समय-समय पर कैंची से काटते रहें। इससे ईंधन बचेगा और बर्तन भी काले नहीं होंगे।
  • जो गृहणियां लकड़ी के चूल्हों पर खाना पकाती हैं, उन्हें धुंआ रहित चूल्हें आजमाकर देखना चाहिए। ये चूल्हें साधारण चूल्हों से कम लकड़ी जलाते हैं।
  • हमारे देश में साल के अधिकांश दिनों पर्याप्त धूप आती रहती हैं। इसका उपयोग खाना पकाने के लिए किया जा सकता है। आज बाजार में अनेक प्रकार के धूप-चूल्हे उपलब्ध हैं। इनके खरीदने पर सरकार आकर्षक छूट भी देती है। इनकी सहायता से चावल, दाल, सब्जी आदि पकाए जा सकते हैं। इनमें कोई ईंधन नहीं लगता, इसलिए ये काफी पैसा बचा सकते हैं। हां, इनकी एक खामी है, इन पर रोटी नहीं सेंकी जा सकती।

2 comments:

Drmanojgautammanu said...

aapne rasoi ke bare me achha likha hai. aisa lagta hai ki isaka anubhav bhi aapko achha hai.jankari dene ke liye sukriya.

Springfield Permit Application said...

Goodd share

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