Wednesday, July 22, 2009

साइकिलों की राजधानी

डेनमार्क को उचित ही साइकिलों की राजधानी कहा जाता है। इस देश की आबादी 1.5 करोड़ है और वहां 1.8 करोड़ साइकिलें हैं, यानी लगभग सभी के पास एक साइकिल तो है ही, कुछ लोगों के पास दो-दो साइकिलें भी हैं। डेनमार्क में साइकिल चालकों के विशेष उपयोग के लिए बनी सड़कों की कुल लंबाई 17,000 किलोमीटर है।

यदि आप डेनमार्क के किसी निवासी से उसकी साइकिल छीन लें, तो उसे लगेगा कि आपने उसके हाथ ही काट दिए हैं। डेनमार्का में साइकिल महज एक वाहन नहीं है, वह एक पूरी दिनचर्या है। वहां के लोग दफ्तर जाने, खरीदारी करने या यों ही मजे के लिए साइकिल का उपयोग करते हैं।

वहां की यातायात का अहम हिस्सा साइकिलें ही होती हैं। सड़कों में साइकिल के लिए विशेष पथ होते हैं और साइकिल चालकों की सुविधा के लिए विशेष यातायात नियम बनाए गए हैं। सड़क किनारे उनके लिए दिशा चिह्न भी लगे हैं।

यदि आप डेनमार्क जाएं, तो आप साइकिल किराए पर लेकर देश भर में घूम सकते हैं। आपको डेनमार्क का नक्शा भी दिया जाएगा, जिसमें डेनमार्क के सभी मुख्य साइकिल मार्गों का विवरण रहता है।

9 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

स्वास्थ्य अच्छा, कोई प्रदूषण नहीं। तेल का अतिरिक्त भार नहीं। अच्छी व्यवस्था है।

अनूप शुक्ल said...

सुन्दर इंतजाम!

admin said...

बहुत ही दिलचस्प जानकारी. हमारे यहाँ ऐसा कब होगा?

Arvind Mishra said...

अरे वाह -इन दिनों मैं भी साय्किलोन्मुख हूँ !

मुनीश ( munish ) said...

i wish it could be possible on Delhi roads !

Himanshu Pandey said...

बहुत ही उपयोगी । एक आश्वस्ति का भाव जग रहा है, यह भी सोच रहा हूँ कि इसका अनुकरण भी होगा या नहीं ।

विवेक सिंह said...

बढ़िया है,

तेल का झंझट नहीं और बॉडी भी फ़िट !

आम के आम और गुठलियों के दाम !

Alpana Verma said...

Rochak jaankari.

Atleast un sab ki Health achchee rahti hogi aur environment bhi.

admin said...

Bahut sundar, isi bahane pradushan se to bache hain.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

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